चलो तुम इस बाजी में लगाओ अपनी दौलत हम वही दिल लगाते हैं जो कई बार हारे हैं तुमपे, आज फिर से तुमसे उधार मांग के उसी की बाजी लगाते हैं, तुम जीत गयी तो ये दिल तुम्हारा, और मैं हारा तो भी तुम्हारा, जानती ही हो ये दिल हर बार तुमपे हार जाते है, लेकिन तुम तो हार जीत के इस खेल में तुम दिल से भी खेल जाती हो... जीत के ये खेल तुम साथ में मेरा चैन भी ले जाती हो, जाने कब तक खेलती रहोगी ऐसे इस दिल से, जाने कब तक हारता रहूंगा सब कुछ तुमसे , जाने कब तक खेलता रहूँगा ये तुमपे दिल हारने का जुआ... © रक्तबीज