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ठहरो जरा



ठहरो जरा शाम तक, साँझ बन के विदा हो जाना
अभी दोस्त बनो,फ़िर थोड़ा परख के फ़िदा हो जाना. 
वक्त ले लो जितना चाहो,
वक्त........ले लो जितना चाहो,
बस थोड़ा सा जल्दी करना,कही किसी और कि डोली में विदा न हो जाना
ठहरो ज़रा शाम तक,साँझ बन के विदा हो जाना..
कुछ थोड़ी बातें भी जान लो तुम अभी मेरे बारे में,
मेरी सखियाँ हैं ढ़ेर सारी और दोस्त भी हज़ार हैं,
और ये भी जान लो मुझे दुनिया मे हर जीव से प्यार है,
कभी जो सखियों से बात करूं तो तुम रूठ मत जाना,
ठहरो जरा शाम तक,साँझ बन के विदा हो जाना..
मुझे किसी रूठे को मनाना नहीं आता,
ऐसे ही बिन बात के मोहब्बत जताना नही आता,
मैं हर रोज़ तुम्हारा हाल पूछ सकता हूँ,
तुम्हारी प्रॉब्लम सुन के उसका हल सुझा सकता हूँ,
जब भी हो तुम्हें मेरी जरूरत एक बार हौले से बुलाना,
ठहरो ज़रा शाम तक,साँझ बन के विदा हो जाना..
बेवज़ह बातें करता हूँ,सब कहते हैं मैं हरदम बोलता हूँ,
ज्यादा पढ़ता नहीं,बस दिन भर मोबाइल चलाता हूँ,
जब गुस्सा होता हूँ,या प्यार जताता हूँ तो उसके लिए स्टेटस लगाता हूँ..
तुम इन सब बातों से नाराज़ न होना,बस एक बार बता देना..
ठहरो ज़रा शाम तक,साँझ बन के विदा हो जाना।
ठहरो जरा शाम तक,साँझ बन के विदा हो जाना।


© रक्तबीज

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